
Raigarh News: अशोक सारथी,आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:- जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत सराईडिपा से 23फरवरी को सुबह11बजे वक्त समरथ संत दु:खहर्ता उज्जैन वाले बाबा उमाकांतजी महाराज के आदेश पर जयगुरुदेव संगत रायगढ़ के द्वारा ब्लॉक मुख्यालय तमनार से सैकड़ों की संख्या में जयगुरुदेव के प्रेमियों ने दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों में जयगुरुदेव झंडा एवं बेनर पोस्टर, फूल मालाओं से सुसज्जित कर माईक के माध्यम से बाबा उमाकांत महाराज के वक्त के संदेशों को सुनाते हुए- शाकाहारी व नशामुक्ति प्रचार- *हांथ जोड़कर विनय हमारी,तजो नशा बनो शाकाहारी। छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी। सुनो, सुनो ऐ मेरे भाई, अपना स्वार्थ नहीं है कोई, शाकाहारी बना रहे हैं नरकों से बचा रहे हैं।* का नारा लगाते हुए यह काफिला पूरे रायगढ़ जिले में गांव, शहरों के गलियारों में मानव धर्म का प्रचार करते हुए रायगढ़ मुख्यालय पर 11दिनों में पहुंचेगी व जीव जागरण धर्म यात्रा के आखिरी पड़ाव पर सतसंग व महाभंडारे का वितरण के साथ जयगुरुदेव नामध्वनी के गुंजायमान स्वर के साथ समापन किया जावेगा।
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जयगुरुदेव जीव जागरण धर्म यात्रा की शुरुआत 23फरवरी सुबह 8बजे से जिले भर से विभिन्न गांव, शहर से जयगुरुदेव प्रेमी भक्त अपने-अपने चार पहिया, दो पहिया वाहनों में जयगुरुदेव झंडा व फ्लेक्सि बांध कर 10बजे तक ब्लॉक मुख्यालय तमनार में ईकट्ठा हुए, तत्पश्चात जलपान कर जयगुरुदेव प्रार्थना एवं नामध्वनी किया गया, फिर यात्रा को रवाना किया गया, पूरे तमनार में काफिला घुमाकर कसडोल गांव के सराईडिपा मुहल्ले में जयगुरुदेव साप्ताहिक सतसंग स्थल पर सभी गुरू प्रेमियों यात्रियों को भोजन प्रसाद खिलाया गया। फिर काफिले को लैलूंगा क्षेत्र की तरफ रवाना किया गया।दोपहर को पाकरगांव में जयगुरुदेव जीव जागरण धर्म यात्रा की भव्य स्वागत किया गया, प्रेमियों को सल्पाहार जलपान कराया गया। काफिले का पहला पड़ाव लैलूंगा ब्लॉक के भैंसगुड़ी गांव में रखा गया, रात्रि 8बजे लघु सतसंग आयोजित किया गया, जिसमें गांव के लोगों को बुलाकर वक्त के दु:खहर्ता उज्जैन वाले बाबा उमाकांत महाराज के वक्त के संदेश को प्रवक्ता के द्वारा सुनाया गया। आगे आनेवाले भंयकर महामारी बिमारियों से बचने के लिए लोगों को शाकाहारी तथा नशामुक्त रहने के लिए प्रेरित किया गया।
Raigarh News : उज्जैन वाले बाबा उमाकांतजी महाराज त्रिकालदर्शी महापुरुष हैं इस समय धरती पर प्रकट संत के रूप में बाबा उमाकांत जी महाराज हैं जिनके दर्शन मात्र, अपनी बात कह देने से ही बिमारी तकलीफों आराम मिलने लगता है, बाबा जी ईसी मनुष्य शरीर में परमात्मा से मिलने का भेद बताते हैं, नामदान देते हैं और रास्ते पर चलाकर भक्तों भवसागर पार होने की सीख देते हैं। पूरे समरथ संत हैं। संतों की पुकार- *हम आये वही देश से, जहां तुम्हारो धाम, तुमको घर पहुंचावना एक हमारो काम।।*